राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड में दो बेटों समेत बाप को उम्रकैद
राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड में दो बेटों समेत बाप को उम्रकैद
वर्षो से चली अदावत में कैलाश के साथ भाजपा नेता इंद्रलाल वर्मा पर घेरकर हुआ था जानलेवा हमला
डीजे न्यूज, गिरिडीह : राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड में प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा की अदालत ने चारों हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा चार अन्य धाराओं में तीन साल से लेकर एक साल तक की सजा दी गई है। सभी सजा साथ-साथ चलेगी। सजा पाने वालों में सुखदेव राय, उसका बेटा राजेश राय, बिक्की राय और जनार्धन राय शामिल हैं। वहीं न्यायालय ने सभी को दस दस हजार रुपए जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा कारावास में काटनी होगी। न्यायालय ने सभी चारों को बीते 21 दिसंबर को हत्याकांड में दोषी करार दिया था। वहीं जेल में बंद एक आरोपित बिनोद राय को पर्याप्त साक्ष्य के आभाव में रिहा कर दिया गया था। इसके पूर्व न्यायालय में सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता दीपक कुमार ने कहा यह मामला अधिकतम सजा के श्रेणी में नही आता है। उन्होंने न्यूनतम सजा देने की अपील की। पीपी गोरखनाथ सिंह ने कड़ी सजा की वकालत करते हुए कहा कि राजेश राय पर पूर्व में हत्याकांड का दोष सिद्ध हो चुका है। कड़ी सजा ही समाज मे शांति का मिसाल बनेगी। न्यायालय ने दोनों पक्षो की दलीलें सुनने के बाद सजा सुनाया।घटना बेंगाबाद थाना क्षेत्र के मोतिलेदा गांव की 25 अगस्त 2020 की है।
इस तरह हुई थी कैलाश यादव की हत्या
बेंगाबाद थाना अंतर्गत मोतीलेदा दलित टोला स्थित बीच सड़क पर 25 अगस्त 2020 की रात हरवे हथियार से लैस 25 से 30 अपराधियों ने राजद नेता कैलाश यादव एवं भाजपा नेता इंद्रलाल वर्मा पर हमला कर दिया था। घेरकर दोनों पर लाठी-डंडे से प्रहार किया गया था। इस हमले में कैलाश यादव की मौत हो गई जबकि इंद्रलाल वर्मा बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। उसे पीएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया था। हमलावरों में आधा दर्जन लोगों की पहचान की गई थी। मृतक कैलाश यादव के छोटे भाई छोटेलाल यादव ने उनकी पहचान की थी जिनमें सुखदेव राय, राजेश राय, मुकेश राय, बिक्की राय, जनार्दन राय, बिनोद राय व एक नाबालिग रिश्तेदार शामिल थे। रात करीब ग्यारह बजे राजद नेता कैलाश यादव एवं भाजपा नेता इंद्रलाल वर्मा बुलेट से मोतीलेदा स्थित अपने आवास जा रहे थे। इसी क्रम में मोतीलेदा के दलित टोला के पास पहले से घात लगाए बैठे लोगों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। घेरकर कैलाश यादव को पीट-पीटकर मार डाला। दोनों की चीख सुनकर आसपास के लोग जब निकले तो हमलावर भाग गए। इसके बाद दोनों को रात में ही गिरिडीह सदर अस्पताल लाया गया। गंभीर हालत देख डॉक्टर ने दोनों को पीएमसीएच धनबाद रेफर कर दिया था। धनबाद ले जाने के क्रम में रास्ते में ही कैलाश यादव की मौत हो गई।
जख्मी इंद्रलाल की गवाही बना हत्या साबित होने का अहम साक्ष्य
इस मामले में अभियोजन के तरफ से पीपी गोरखनाथ सिंह और उनका सहयोग कर रहे अधिवक्ता बिपिन कुमार यादव ने 14 गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की थी। इनमें जख्मी इंद्रलाल वर्मा की गवाही काफी अहम रही।इस घटना में इंद्र लाल मार खाने से घायल हुए थे। वह कैलाश के साथ बेंगाबाद थाना से वापस लौट रहे थे। जिसने घटना को देखा व जख्मी हुए। इसके अलावा स्थानीय ग्रामीण, चिकिसक और पुलिस की गवाही केस साबित करने में मुख्य भूमिका निभाई। बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता दीपक कुमार और नागेंद्र राय ने बहस की थी।